50 Plus Unique Dosti Sad Shayari Collection in Hindi Wish You Magic
वो करके आंख नम आया हुआ था,
बगीचे में सनम आया हुआ था,
मैं कुछ कहने से पहले डर रहा था,
जरा सा वो भी घबराया हुआ था,
मेरी आंखों से आशु बह रहे थे,
मेरा चेहरा भी मुरझाया हुआ था,
भूख मेरी ये सुनके मर चुकी थी,
जहर उसने कोई खाया हुआ था,
हवा को गुमान था अपनी आजादी पर,
किसी ने उसको भी गुब्बारे में भर के बेच दिया दोस्त...!
खुद की तलाश में हु आजकल,
मुझे आवारा कहने वाले तेरी बात में दम था...!
तेरा छोड़ के जाना भी दोस्त कमाल था,
मलाल में वो भी था जो हर चीज से मालामाल था...!
चार दिन की तो जिंदगी है यार,
उसमे भी लोग इतना दर्द देते हैं की जीने का मन नही करता...!
जब किसी के लोटने की उम्मीद ना हो,
तो रास्ते अपने आप यूंही बंद हो जाते है...!
इस खाली आसाम को देखकर लग रहा है मुझे दोस्त,
मरकर सब सितारे नही बनते...!
कुछ इस तरह बदला है वक्त मेरा,
ना इश्क रहा किसी से ना नाराजगी रही...!
आज का अखबार कल की रद्दी है,
ये बात अपने हुस्न को समझा देना....!
मंजिल मिलने पे सुनाएंगे सफर की दास्तान,
क्या क्या छीन गया हमसे यहां तक पोहोंचने तक...!
आग लगाने वालो को क्या खबर,
रुख हवाओ ने बदला तो खाक वो भी होंगे...!
तलाश कभी खत्म नहीं हुई मेरी,
मैं खुद को खुद में ढूंढता ही रहा...!
डाली से गिरते पत्तो ने क्या खूब कहा है,
अगर बोझ बन जाओ तो अपने ही तुम्हे गिरा देते हैं...!
छत पर टहलने वाला मौसम है,
और छत से कूदने वाले हालत...!
खुद को खुद ही खुश रक्खे,
ये जिम्मेदारी किसी को न दें...!
भरोसा कांच की तरह होता है, एक बार टूट जाए,
तो कितना भी जोड़ लो चेहरा अलग अलग ही दिखाई देता है...!
में अब सबसे दूर होना चाहता हु,
मुझे अब अपनी जरूरत पड़ रही है...!
याद तो आयेगी ना यार,
प्यार मैने किया था उसने थोड़ी...!
उसके पास रहकर भी क्या फायदा,
जो खुद हमेशा दूर होना चाहता हो...!
True Dosti Sad Shayari in Hindi
मेरा हाल देख कर मोहब्बत भी शर्मिंदा है,
की ये सक्स सब कुछ हार गया, फिर भी जिंदा है...!
सभी ने साथ छोड़ दिया लेकिन ए गरीबी,
तू इतनी वफादार कैसे निकली...!
कभी कभी न जाने किस चीज का बदला लेती है जिंदगी,
जिसे सबसे ज्यादा चाहे उसी से दूर रहने की सजा देती है जिंदगी...!
उड़ गई नींद सारी रात की,
जब अपनो ने बात की औकात की...!
बेशुमार जख्मों की मिशाल हु मै,
फिर भी हस लेता हु कमाल हु में...!
हर एक बात के पर्चे से उड़ा रक्खे है,
ये तुमने किस तरह के दोस्त बना रक्खे है,
लोग कहते है पागल का कोई भरोसा नहीं,
कोई ये नही सोचता की भरोसे ने ही उसे पागल कर दिया...!
कर्ज चिन्ता और प्रेम कोई करता नही,
अपने आप हो जाता है....!
मानो तो मौज है,
वरना टेंशन तो रोज है...!
जो बुरे वक्त में मेरे साथ खड़े रहे,
मेरा अच्छा वक्त भी उन्ही के लिए होगा....!
दर्द तू शोर ना कर अभी गमों की रात है,
मेरी भी मौत होगी बस कुछ समय की बात है...!
हम हैं उसी हाल में जिसमे पहले थे,
तू कोई पहला थोड़ी है जो छोड़ कर गया...!
भेड़ के अंदर छिपा भेड़िया देखना हो तो कभी,
अपनी से अपना हक मांगकर देखना...!
सोचू तो सारी उम्र दोस्ती में कट गई,
देखू तो एक सक्स भी मेरा नही है...!
मैं तन्हाई को तन्हाई में तन्हा कैसे छोडू,
तन्हाई ने तन्हाई में तन्हा साथ दिया है मेरा....!
इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन उसका दिमाग है,
पकड़ पकड़ का लता है उन लम्हों को जो तकलीफ देते हैं....!
यूंही नही सजती शायरी लफ्जो पर दोस्त,
शायर बनने के लिए महबूब गवाना पड़ता है...!
अकेले जीना सीख जाता है इंसान,
जब उसे पता चलता है अब कोई साथ देने वाला नही है....!
मत सोचो की जिंदगी बोझ है,
खुश रहो क्योंकि समस्या तो रोज है...!
मुझे पाने की ज़िद तू ना कर
मैं किसी की छोड़ी हुई mohabbat हु
मैं नहीं सोचता बड़े बड़े आदमी मेरे दोस्त बने,
मैं सोचता हु मेरे सारे दोस्त अमीर बने...!
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