Acchi Acchi Kahaniyan in Hindi | हिंदी में अच्छी कहानियां

Acchi Kahani - गरीब किसान और - सोने का घड़ा  

Acchi Kahani - गरीब किसान और - सोने का घड़ा


एक किसान अपने खेतों में बड़ी मेहनत से काम किया करता था । एक दिन वह अपने दो बैल लेकर अपने खेत की जुताई कर रहा था, अचानक तेज तूफान चलने लगा और उसके दोनों बैल उसे छोड़ कर आंधी से बचते हुए जंगल की तरफ भाग गए ! अब ऐसे में किसान को अपनी जान बचानी मुस्कील हो रही थी तो वह अपने बैलों का पीछा कैसे करता.

वह तूफान से बचता हुआ अपने घर आ गया, लेकिन उसके पास अब काम में सहयोग देने वाले बैल और धन की कमी पड़ने लगी, वह बोहोत उदास था उसके दोनो बच्चे उस्से किताबो और नई साइकिल की ज़िद कर रहे थे । किसना रात रात भर इस समस्या का हल ढूंढने में जागता रहता था लेकिन उसके पास अब धन कमाने के लिए कोई रास्ता नही बचा था ।

वह अगले दिन कब्रिस्तान गया और वहां से एक, मरे हुए इंसान को निकालकर रात के समय एक अमीर आदमी के घर के आगे खड़ा कर दिया, उसने मरे हुए इंसान के हाथ में एक कटोरा और लाठी दी और खुद उसके पीछे खड़ा हो गया । अब उसने आवाज लगाई कुछ खाने को मिलेगा क्या ।

तभी एक सेठ अंदर से आता है और उस मरे हुए व्यक्ति को कुछ पैसे देने लगता था । लेकिन वह आगे नही बढ़ता सेठ दोबारा कहता है पैसे लेने हैं या नहीं । तभी वह किसान पीछे से कहता है नीचे उतर कर आप पैसे कटोरे में डालो, इसपर सेठ को गुस्सा आ जाता है और वह उस मरे हु इंसान को एक थप्पड़ लगा देता है । किसान उसे तुरंत छोड़ देता है और दूर हटकर कहता है ! है ईश्वर तुमने इसे जान से मार दिया ।

सेठ बोहोत डर जाता है और वह किसान से इस बात को दबाने के लिए कहता है, लेकिन किसान इसके बदले उस्से एक सोने के घड़े की मांग करता है, सेठ ने समय रहते उसकी इस मांग को पूरा कर दिया । जैसे ही किसान के हाथ में सोने का घड़ा आता है वह उस मृत व्यक्ति को वापस उसी की जगह गाढ़ आता है और उसके शरीर का ऐसे इस्तेमाल करने के लिए प्रभु से क्षमा मांगता है,

किसान अपने घर आने के बाद थोड़ा सोना बेच कर अपने बच्चो के लिए किताबें साइकिल व अन्य खाने के व्यंजन बनवाता है ! अब किसान की सारी मुसीबतें दूर हो चुकी थी । और उसके बच्चो अच्छे स्कूल में जाने लगे ।

Acchi Acchi Kahaniyan - चोरी का खुलासा

Acchi Acchi Kahaniyan - चोरी का खुलासा


किशन बोहोत ईमानदार व्यक्ति था । मगर एक रात उसके मित्र सोनू के घर चोरी हो गई । अब ऐसे में सुबह सभी लोग उसके घर में इखट्टा हुए और आपस में बातें करने लगे आखिर ऐसी चोरी कौन कर सकता है । समय बीतता गया लेकिन चोर का पता नही लगा लोग अपने कामों में व्यस्त रहने लगे और उस चोरी वाले हादसे को भूलने लगे ।

लेकिन किशन को यह बात बोहोत ज्यादा सताने लगी की मेरे दोस्त के घर में चोरी हो गई है और वह उस चोर को पकड़ने के लिए रोज रात के समय एक पेड़ पर छुपकर बैठता था । एक रोज वहां चोर आए और उसी पेड़ के नीचे बैठ कर योजना बनाने लगे । वो अगली चोरी किशन के घर में ही करने वाले थे, अब किशन के दिल को यह बात सुनकर धक्का लगा ।

उनके जाने के बाद किशन पेड़ से उतरा और पुलिस में उनके नाम को कंप्लेन कर दी । समय से पहले पुलिस आ गई और चोरी के इल्जाम में उन सभी को गिरफ्तार कर लिया । किशन में दोस्त सोनू के घर से जो समान चोरी हुआ उसकी भी भरपाई चोरों द्वारा करवाई गई और चोरों को इस जुर्म की कड़ी सजा मिली ।

Acchi acchi Kahaniyan - पेड़ के फल

Acchi acchi Kahaniyan - पेड़ के फल


एक प्रिया नाम की छोटी बच्ची थी उसे पेड़ पौधों से बोहोत प्रेम था, उसने बचपन से ही अपने घर के आस-पास खूब सारे पौधे लगाए, प्रिय का एक दोस्त था मोहन जो उसके स्कूल में पढ़ता था उसे पौधे बिलकुल भी पसंद नही थे । जैसे ही प्रिया स्कूल में पौधे लगती थी मोहन उन्हें उखाड़ देता था.

प्रिया को यह देख कर बोहोत दुःख हुआ के उसके लगाए पौधे कोई उखाड़ रहा है, वह सभी सूखे पोधो को उठा कर ले आई और उन्हें जंगल में लगा दिया । कुछ दिन पानी मिलने के बाद वह पोधे हरे हो गए और देखते ही देखते आसमान छूने लगे.

अब प्रिया की उम्र 17 साल हो चुकी थी मगर पौधो के प्रति उसका प्रेम कम होने के नाम ही नही ले रहा था उसे हर तरफ हरे भरे पौधो के अलावा कोई चीज अच्छी नहीं लगती थी । प्रिया अपने लगाए पौधे को देख ही रही थी के अचानक उसकी नजर एक अजीब से पेड़ पर गई जो की आज तक उसने कहीं देखा नही था ।

प्रिया ने उस पौधे को उठाया और अपने गमले में उठा कर घर ले आया, उस पौधे से रात के समय रोशनी आ रही थी प्रिया ने करीब जाकर देखा तो ये महसूस किया जैसे वो पौधा प्रिया के साथ रहकर बोहोत खुश हो और खुशी की वजह से उसमे रोशनी निकल रही हो ।

अब प्रिया को उस पौधे के करीब रहना पसंद आने लगा वह उसे धीरे धीरे बड़ा होता देख रही थी जो अन्य पौधो की तुलना में सौ गुना ज्यादा तेजी से बढ़ रहा था । प्रिया की उम्र 20 हो चुकी थी और वह पौधा किसी आम पेड़ के मुकाबले काफी बड़ा और विशाल हो गया । उसे अपने प्यारे पेड़ को छोड़कर जाना था । शादी के दिन वह पेड़ बिलकुल मुरझाया हुआ खड़ा था और बोहोत ही बंजर लग रहा था ।

प्रिया उसके पास जाकर रोने लगी । जैसे ही उसकी आंखो के आसू पेड़ पर गिरे वह जलने लगा सभी लोग यह देख कर हैरान थे । प्रिया ने जल्दी से आसू पोछे और उस पेड़ से गुजारिश की करते हुए यह पूछा की आखिर ऐसा क्यों हो रहा है । वह पेड़ अचानक से शांत हो गया और उसके ऊपर से एक फल गिरा जिसपर लिखा था, तुमने हमारी बोहोत मदत की है और हम पेड़ तुम्हारे बोहोत आभारी है । ये सब ईश्वर की कृपा है की मुझे तुम्हारे साथ रहने का मोका मिला । तुम जो भी मुझसे मांगोगी वह इच्छा पूरी करने की सामर्थ्य मेरे सिर्फ एक फल में है । अगर तुम मुझे छोड़कर जाएगी तो मैं जलकर राख हो जाऊंगा ।

अब प्रिया को पेड़ से गिरे फल पर यह लिखा देख कर बोहोत हैरानी हुई । उसने अपने मन में एक इच्छा मांगी, उसके घर के पास खुसूरत पेड़ो को बाघ हो । देखते ही देखते उसके घर के आस पास चारो तरफ खूबसूरत पेड़ ही पेड़ उगने लगे और चंद मिनटों में वह सभी पेड़ एक बाघ में बदल गए । प्रिया की खुशी का ठिकाना नहीं रहा । अब उसने शादी करने से इंकार कर दिया और अपने जीवन को पेड़ पौधों की सेवा में लगा दिया । उसने अपने अनमोल पेड़ से कभी भी कुछ ऐसा नही मांगा जो उसके या लोगो के लिए परेशानी का कारण बन जाए ।

वह पूरी ईमानदारी और लगन के साथ अपने पेड़ की अनमोल ताकत के जरिए बाकी जीव, जंतु, पशु, पक्षी, तथा अन्य जानवरों को भी पूरा सहयोग करने लगी उसने अपने आस पास ही धरती को सभी के लिए अनमोल बना दिया…!

Acchi kahani, Khooni Raat - खूनी रात  in Hindi


horror story in hindi - khooni raat

दोस्तो मेरा नाम प्रभात है और मैं दिल्ली के एक कॉल सेंटर में नोकरी करता हु, मैं आपको अपनी हिंदी horror story सुनाने जा रहा हु, जो मेरे साथ हुआ वह वाकई दर्दनाक था.

मैं एक रोज अपने दफ्तर से लोट रहा था, अचानक तेज आंधी-तूफान के साथ बारिश होने लगी ! मैने सोचा थोड़ी देर किसी होटल में ठहरा लिया जाए लेकिन होटल में केवल एक ही कमरा खाली था.

मैने वही कमरा बुक कर लिया और अपनी कार पार्किंग में लगा कर थोड़ा आराम करने लगा, तभी मैंने देखा मेरे कमरे की लाइट थोड़ी गड़बड़ा रही थी मुझ थोड़ा अजीब लगने लगा.

अब मैंने होटल के मालिक को फोन किया तो वह आया और देखा की लाइट में कोई प्राब्लम है, उसने दूसरी लाइट लगा दी, लगभग रात के तीन बजे पूरे होटल की लाइट गुल हो गई, मैने खिड़की से बाहर की तरफ देखा तो कोई आदमी पतली सी दीवार पर बिना किसी सहारे के चल रहा था, मैं जैसे ही पीछे की तरफ मुड़ा तो, वह भी मेरी तरह पीछे की तरफ मुड़ा, ऐसा मानो की वह मेरी नकल कर रहा हो | अब मैं थोड़ा डर गया ।

मुझे यकीन हो गया था की ये कोई बुरा साया है, थोड़ी देर बाद मैं जैसे ही अपने बिस्तर पर सोया तो मुझे ऐसा लगा जैसे कोई मेरी चादर के अंदर झांक रहा हो । अगले ही पल मुझे लगा जैसे कोई मेरे दरवाजे के पास खड़ा है, में उसके बारे में सोच कर पागल हुआ जा रहा था ।

शुभा तक एक अजीब सा दर मेरे अंदर बैठ गया, लेकिन मैने दिन निकलते की होटल के मालिक से सारी जानकारी ली तो पता चला वह एक बूढ़ा व्यक्ति था जिसकी मौत बड़ी टंकी साफ करते समय तेज पानी चलने से हुई थी, तबसे वह किसी न को दिखता रहता है….!




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